About Dhrupad Kendra
विश्वविद्यालय के तत्वाधान में संगीत की विलुप्त होती प्राचीन शैली ध्रुपद के कलाकार तैयार करने के उद्देश्य से गुरू षिष्य परम्परा के तहत ग्वालियर में ध्रुपद केन्द्र संचालित है। ध्रुपद केन्द्र की स्थापना मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में 16 जून 2011 को हुई। केन्द्र में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण गुरू श्री अभिजीत सुखदाणे द्वारा प्रदान किया जा रहा है। केन्द्र में दो प्रकार की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है जिसमें विशेष कक्षा के अंतर्गत मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा राशि रू. 2000/- प्रति माह अभ्यार्थी को ध्रुपद विधा में कलाकार निर्माण के उद्देश्य से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। केन्द्र में सामान्य कक्षा का संचालन भी जागरूकता के उद्देश्य से किया जाता है। विश्वविद्यालय द्वारा माननीय कुलपति जी की अध्यक्षता में ध्रुपद केन्द्र हेतु अध्यादेश क्र. 56 पारित है जिसके अंतर्गत चार वर्ष उपरांत विद्यार्थी को ध्रुपद कला रत्न की उपाधि व कलाकार को ग्रेड प्रदान किया जाता है। अब तक केन्द्र के समस्त विद्यार्थी भारत भर में 40 से अधिक प्रस्तुतियाँ दे चुके हैं जिसमें तानसेन समारोह, ध्रुपद मेला वाराणसी आदि प्रमुख हैं। केन्द्र के विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे स्पिक मेके, आकाशवाणी आदि में चयनित हो चुके हैं। वर्ष 2014 में ध्रुपद मेला वाराणसी द्वारा केन्द्र के विद्यार्थियों को कलाकारों के समकक्ष सम्मानित किया गया । केन्द्र के विद्यार्थी श्री अनुज प्रताप सिंह आकाशवाणी की प्रतियोगिता में संपूर्ण भारत में विशेेष पुरूस्कार से सम्मानित हो चुके हंै। वर्ष 2015 में केन्द्र का एक सत्र् (4 वर्ष) पूर्ण होकर नया सत्र् शीघ्र ही आरम्भ होने जा रहा है। |